सोमवार, 5 दिसंबर 2016

जैसे को तैसा - शठे शाट्यम समाचरेत - Tit for Tat - Hindi Kahani

एक शहर में दो दोस्त रहते थे। दोनों में गहरी मित्रता थी, उनमें से एक का नाम सोना था और एक का नाम लोहा था।
लोहा ने अपनी सारी सम्पति बेचकर एक सोने की ईंट खरीदकर अपने मित्र के पास रखने के लिए बोला, और कहा - हे मित्र मैं बङा शहर में धन कमाने जा रहा हूँ, तब तक के लिए मेरे सोने का ईंट आप रख लीजिए। मेरे प्रदेश से अाने पर मुझे लौटा देना। सोना मित्र ने कहा, रख दो जब जी चाहे ले जाना। लोहा मित्र ने विश्वास कर अपने सोने की ईंट उसे दे दिया।
 कई साल प्रदेश में कमाने के बाद वह अपना घर लौटा और अपने मित्र के पास जाकर बोला कि मेरा अमानत सोने की ईंट मुझे दे दो। सोना मित्र ने कहा, उस सोने की ईंट को तो चूहा खा गया। हे मित्र मैं क्या कर सकता हूँ। इस पर लोहा मित्र ने कुछ नहीं कहा इसके बारे में, बस कहा कि मुझे स्नान करना है। सोना मित्र ने अपने पुत्र से कहा कि ईन्हें स्नान करने गंगा ले जाओ। लोहा मित्र ने उनके लङके को कहीं छिपा दिया और स्वयं अपने मित्र के पास पहुँचा। सोना मित्र ने पूछा कि मेरा लङका कहाँ है, तो उसने जवाब दिया कि लङके को बाज पक्षी पकङ कर ले गया। सोना मित्र ने कहा कि लङके को भला बाज पक्ष कैसे पकङ कर ले जा सकता है। ईस पर लोहा मित्र ने कहा कि जब चूहा सोना खा सकता है तो लङके को बाज पक्ष क्यो. नही. ले जा सकता है। 
अंत में सोन मित्र को सोने की ईंट वापस देना पङा। तब लोहा मित्र ने भी उसके बेटे को वापस कर दिया।

शिक्षा: - कभी कभी, जो जैसा करे उसके साथ हमें भी वैसा ही व्यवहार करना चाहिए।

END of HINDI STORY - Tit for Tat - जैसे को तैसा

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