रविवार, 22 अक्तूबर 2017

महाभारत की पूरी कहानी - शूरुआत - भाग 1

एक बार स्वर्ग लोक में सभा हो रही थी। जिसमें सभी देवतागण उपस्थित थे। उसी समय सभा के बीच में ब्रह्मा जी की पुत्री ब्रम्हा जी से कुछ कहने आये थे। उनकी पुत्री का संजोग से हवा की झोंक के कारण दुप्पटा निचे गिर गया। सभी देवताओं का सिर निचे झुक गया। परन्तु एक देवता का सिर नहीं झुका। बल्कि वह उनकी पुत्री को देखते ही रह गए। तब इसपर ब्रम्हा जी क्रोधित होकर अपनी पुत्री और उस देवता को श्राप दिया कि पृथ्वी लोक पर जन्म लेकर कस्ट भोगना पड़ेगा। उनकी पुत्री की गंगा बनकर आयी और वह देवता राजा शान्तनु बना। राजा शान्तनु गंगा से शादी करना चाहता था, परंतु गंगा ने शर्त रख दी मैं आपके यहाँ तब तक रहूंगी जब तक मेरे ऊपर अंकुश नहीं डालोगे। जिसदिन मेरी इच्छा के अनुसार मुझे काम नहीं करने दोगे उसी वक्त मैं तुम्हें छोड़कर चली जाउँगी। राजा शान्तनु ने शर्त मंजूर कर लिया।

महाभारत की पूरी कहानी - शूरुआत - भाग 1

राजा शान्तनु से गंगा को एक पुत्र प्राप्त हुआ। गंगा ने उसे गंगा नदी में डाल आयी। राजा इसपर कुछ नहीं बोला। पुनः दूसरा, तीसरा, चौथा, पांचवें, छठे, सातवें पुत्र को गंगा नदी में डाल आयी। परन्तु जब आठवें पुत्र को भी गंगा जब नदी में बहाने जा रही थी तो राजा शान्तनु ने इस बार रोक लिया। इसपर गंगा बोली कि शर्त के अनुसार मैं आपको छोड़कर जा रही हूँ, जहाँ तक इस बालक की बात है तो मैं इसे पाल पोसकर एवं सभी विद्या से निपुण करके आपके पास छोड़ जाउँगी।
गंगा ने ऐसा ही किया। एक दिन गंगा तट पर जब राजा शान्तनु टहल रहे थे, उसी समय गंगा अपने पुत्र देवव्रत को लेकर राजा शान्तनु के पास छोड़कर स्वयं लुप्त हो गयी।

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महाभारत की पूरी कहानी - शूरुआत - भाग 1
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गुरुवार, 5 अक्तूबर 2017

मूर्ख कौवा और लोमड़ी - हिंदी कहानी - लघु कथा

एक कौवा कहीं से एक रोटी का टुकड़ा पाया था और उसे वो पेर की डाली पर बैठकर कहा रहा था। उसी समय एक लोभी लोमड़ी  पेड़ के निचे आ धमका।  लोमड़ी ने सोचा कि किसी तरह से कौवा के चोंच से रोटी का टुकड़ा लेना है।
लोमड़ी ने कौवा की तारीफ करना सुरु कर दिया। उसने कौवा भाई से कहा , कौवा भाई मैंने सुना है कि आपकी मधुर वाणी सबको मोहित कर देती है। खासकर में आपकी मधुर वाणी सुनने को हमेशा ललायित रहता हूँ। कृप्याकर अपनी मधुरवानी सुनाने का कष्ट करेंगें।
कौवा अपनी तारीफ सुनकर बेहद प्रसन्न हुआ और मुह खोलकर जैसे ही क्वान क्वान का आवाज़ किया कि उसके मुंह से रोटी निचे गिर गई। लोमड़ी चतुराई से रोटी प्राप्त किया और वहाँ से भाग निकला। कौवा बेचारा पछताता रह गया।

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मूर्ख कौवा और लोमड़ी - हिंदी कहनी - लघु कथा
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