किसी गांव में दो भाई रहते थे। एक का नाम मीरकासिम और दूसरे का नाम अली खान था, जो छोटा भाई था एवं लोग इसे अलीबाबा कहकर भी बुलाते थे। मीरकासिम बहुत ही धनवान था और अलीबाबा बहुत ही निर्धन था। अलीबाबा लकड़ी काटकर लाता था और उसे बेचकर अपना जीवन यापन करता था।
बुधवार, 15 नवंबर 2017
मंगलवार, 14 नवंबर 2017
फिर चुहिया की चुहिया - महात्मा और उनकी पुत्री की कहानी
एक बार एक महात्मा ने गंगा नदी में स्नानकर भगवान सूर्य नारायण की आराधना कर हाथ फैला रहा था। उसी समय एक गिध्द आकाश मार्ग से एक चुहिया में लेते जा रहे थे।
सोमवार, 13 नवंबर 2017
सोम शर्मा पितु कथा - एक भिखारी की कहानी हिंदी में
एक सोम शर्मा नाम का भिखारी था। वह प्रतिदिन भिक्षाटन कर अपना जीवन यापन करता था। उसे प्रतिदिन जो कुछ मिल जाता था उसी में उसे संतोष हो जाता था। वह खर्च कम करता त परंतु बचाता ज्यादा था।
रविवार, 12 नवंबर 2017
नंदनी गाय की कथा - हिंदी कहानी
एक राजा के चार लड़के थे। वह एक बड़ा सा तालाब खुदवाकर उनके किनारे पक्की सीढियां बनवा रहे थे। दिन में मजदूर एवं राजमिस्त्री तालाब किनारे बनाकर चला जाता था। सुबह होते ही तालाब किनारा टूटा हुआ मिलता था।
शनिवार, 11 नवंबर 2017
झूठा व्यक्ति - व्यपारी और उसका पड़ोसी - हिंदी कहानी
एक व्यपारी ईमानदार एवं कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति था। उसका एक पड़ोसी था जो रोज भगवान से प्रतिदिन दस हजार से न एक काम और न एक ज्यादा की मांग करता था, और ज्यादा या कम होगा तो वापस कर देंगे।
शुक्रवार, 10 नवंबर 2017
एक बंदर और मगरमच्छ की कथा - हिंदी कहानी
एक बंदर नदी के किनारे एक आम के पेड़ पर रहता था। वह प्रतिदिन पेड़ से आम मौसम पर मीठा खाता था और अपने मित्र मगरमच्छ को भी खिलाता था। उसका मित्र मगरमच्छ उसे बहुत प्यार करता था।
गुरुवार, 9 नवंबर 2017
ब्यूटी और गुलाब की कथा - हिंदी कहानी
प्राचीन काल में एक सौदागर के तीन लड़कियाँ थी। सौदागर नाकुरी छोड़कर घर बैठे हुए थे। वह किसी दुसरे नॉकरी की तलाश में था।
बुधवार, 8 नवंबर 2017
विश्वस्नीय शेर - हिंदी कहानी - लघु कथा
अंडलोकल्स नाम का एक लड़का इंग्लैण्ड के राजा के यहां नॉकरी करता था। वह बहुत समय के बाद राजा के यहां नॉकरी छोड़कर भागते भागते रेगिस्तान होते हुए बहुत दूर एक जंगल में जा छिपा। जंगल में एक शेर आह भरता हुआ कहरता हुआ एक पैर उठाये चले आ रहा था। यह देखकर पहले तो एण्डलोकल्स डर गया, परंतु फिर उसने सोचा यहां से भागकर कहां जाया जाय। वो हिम्मत करके शेर के पास गया और उसके पैर में चुभा काँटा निकाल दिया और जड़ी बूटी का लेप भी लगा दिया।
इसका मतलब शेर भी इतना विश्वनीय होता है कि अपना खूंखार लक्षण छोड़कर दोस्ती का फर्ज निभाता है।
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विश्वस्नीय शेर - हिंदी कहानी - लघु कथा - समाप्त
विश्वस्नीय शेर - हिंदी कहानी - लघु कथा
इससे शेर को काफी राहत मिला और इस प्रकार दोनों में दोस्ती भी हो गयी। शेर उसे माँस लाकर देता रहता और इस प्रकार उसने काफी समय जंगल में बिताया। फिर उसने सोचा कि इस तरह का जीवन कब तक जीता रहूंगा। एक दिन शेर शिकार पर गया था कि एण्डलोकल्स वहाँ से भागकर पुनः रेगिस्तान होते हुए उसी राजा के राज्य होते हुए जा रहा था। किसी गुप्तचर ने उसे पकड़कर राजा के पास ले आया। राजा ने उसे कहा कि एक मात्र भाला देकर अपनी जान की रक्षा उस भूखे शेर से करेगा। उस खूंखार शेर के सामने एण्डलोकल्स को राजा के आदेश पर जाना पड़ा। चारों ओर राजदरबार लगा था। सभी देखने वाली जनता भी दंग रह गई कि आखिर भूखा शेर उसे क्यों नहीं खाया। शेर उसे देखकर छोड़ दिया। बाद में पता चला कि शेर के साथ उस लड़के की दोस्ती थी। जिनके कारण शेर उसे नहीं मारा।इसका मतलब शेर भी इतना विश्वनीय होता है कि अपना खूंखार लक्षण छोड़कर दोस्ती का फर्ज निभाता है।
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विश्वस्नीय शेर - हिंदी कहानी - लघु कथा - समाप्त
रविवार, 5 नवंबर 2017
विश्वसहिंता की कथा - हिंदी कहानी
किसी गांव में एक पति-पत्नी रहते थे। वे एक नेवला पलता था। एक दिन पति काम करने बाहर चले गए थे और पत्नी शारदा अपने बेटे को पालना में सुलाकर पानी लेने किसी कुँए पर चली गई। नेवला पालना के आसपास घूम रहा था। संजोग से एक सर्प कहीं से आकर पालना के पास जा रहा था। यह देख नेवला साँप से लड़ाई कर उसे मार डाला। और बाहर दरवाजे पर अपनी मालकिन की वाट देखने लगा। शारदा जब पानी लेकर आई तो देखा कि नेवला दरवाजे पर इधर उधर घूम रहा है और उसके मुंह पर खून लगा है। यह देखते ही शारदा ने सोचा की मेरे पुत्र को मार डाला। यह सोच उसने पानी का घड़ा नेवले पर पटक दिया। नेवला वहीं पर मर गया। जब शारदा ने घर में प्रवेश किया तो देखा की उसका पुत्र पालना पर खेल रहा है और वहीं पर साँप मरा पड़ा है।
यह देखकर शारदा को बहुत दुःख हुआ और रोने लगी।
शिक्षा: बिना सोचे समझे कोई काम उतावला होकर नहीं करना चाहिए।
विश्वसहिंता की कथा - समाप्त
यह देखकर शारदा को बहुत दुःख हुआ और रोने लगी।
शिक्षा: बिना सोचे समझे कोई काम उतावला होकर नहीं करना चाहिए।
विश्वसहिंता की कथा - समाप्त
गुरुवार, 2 नवंबर 2017
लकड़ी का घोड़ा - हिंदी कहानी
एक बार बहुत वर्ष पहले जर्मनी और फ्रांस की राजधानी पेरिस में घमासान युद्ध चल रहा था। जर्मनी पेरिस पर करीब दस वर्षों से युद्ध चल रहा था। एक दिन जर्मनी के राजा ने पेरिस के राजा को गिफ्ट दिया कि उसने एक बड़ा सा लकड़ी का घोड़ा बनवाकर उसके राज्य में छोड़ दिया। और अपने सैनिकों को सुबह ही हवाई जहाज से वापस भेज रहे थे। परंतु लकड़ी के घोड़े के अंदर दो तीन सैनिकों को छोड़ रखे थे।
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लकड़ी का घोड़ा - समाप्त
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लकड़ी का घोड़ा
यह किसी को भी जानकारी नहीं थी। यह दृश्य देखकर पेरिस के राजा एवं जनता में हर्ष की लहर छा गये और बोलने लगे जर्मनी वाले भाग गये। खूब हर्षोल्लास का वातावरण हो गया। इस तरह रात्रि का समय आ गया। घोड़े के अंदर के सैनिकों ने जब देखा की वातावरण शांत हो गया है तो घोड़े से सैनिक निकालकर दुर्ग का फाटक खोल दिए। जिससे जर्मनी के सैनिकों ने पुनः उनके देश मे आ धमके। और मार काट करना सुरु कर दिया। इस तरह से जर्मनी फ्रांस की राजधानी पेरिस पर कब्जा कर लिया। और वहाँ की रानी हेलनवाई को जनार्दस्ती जर्मनी लेकर चला गया। इस तरह जर्मनी ने फ्रांस पर अपना अधिकार जमा लिया और फ्रांस को जीतकर अपने देश मे मिला लिया।----------------------------------
लकड़ी का घोड़ा - समाप्त
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