सोमवार, 13 नवंबर 2017

सोम शर्मा पितु कथा - एक भिखारी की कहानी हिंदी में

एक सोम शर्मा नाम का भिखारी था। वह प्रतिदिन भिक्षाटन कर अपना जीवन यापन करता था। उसे प्रतिदिन जो कुछ मिल जाता था उसी में उसे संतोष हो जाता था। वह खर्च कम करता त परंतु बचाता ज्यादा था।
उसने एक घड़ा रखा था। दिन भर में जो भी भिक्षा स्वरूप आटा, दाल, चावल मिलता था, वह घड़ा में विभिन्न तरह से रखता जाता था। वह सोचता था कि जब घड़ा बार जयेगा तब इसे बेचकर एक बकड़ी लूंगा। फिर उनसे जो बच्चे होंगे और फिर जो बच्चे होंगे उसे बेचकर गाय लूंगा। उनसे जो बच्चे होंगे और उनसे जो बच्चे होंगे उसे बेचकर घोड़ा खरीद लूँगा।

सोम शर्मा पितु कथा - एक भिखारी की कहानी

 प्रतिदिन वह सोते समय यही स्वप्न देखता था। एक दिन उसने स्वप्न में देखा कि घोड़े बेचकर पैसे इकट्ठा करके अपना एक सुंदर सी लड़की से विवाह करूँगा। फिर हमारे बच्चे होंगे। वह बाहर खेलने जायँगे तो मैं उसे मना करूँगा। जब वह मेरा कहना नहीं मानेगा तो मैं उसे ऐसे पैर से मरूँगा की वह अचेत सा गिर जयेगा। ऐसा स्वप्न में सोचकर जैसे ही पैर चलाया की उनके घड़े टूट गए और सारे समृद्धि नष्ट हो गए।
वह स्वप्न की बात सोचकर बहुत अपने आप पर पश्चाताप किया।
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शिक्षा: फ़िज़ूल स्वप्न देखना या सोचना व्यर्थ होता है।

सोम शर्मा पितु कथा - एक भिखारी की कहानी - समाप्त

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