रविवार, 10 अप्रैल 2016

नये काम का बँटबारा - Inspirational Hindi Story - हिंदी कहानी


किसी समय की बात है – तीन मित्र एक साथ रहते थे। चिङियाँ, गिलहरी और चुहा। तीनो में काफी घनिष्ठा थीं। एक साथ खाना पकाते खाते और आराम से जिन्दगी काट रहे थे। चिडियाँ लकङी लाकर दे देती, चुहिया पानी ला देती औऱ गिलहरी खाना बनाती थी।

               एक दिन की बात है। किसी दूसरी चिडियाँ ने ऐसा देखकर ईष्या करने लगी और पहली चिडियाँ बहन से बोली तुम मर-मर कर इतना कठिन काम लकङी लाने की करती हो औऱ तुम्हारे दोनो मित्र बैठकर खाते हैं। तुम इतना कठिन काम क्य़ों करती हो। मुझे तुम पर तरस आती है। मुझे ऐसा देखा नहीं जाता। तुम कितना भोली हो। चिडियाँ दूसरे दिन लकङी लाने नहीं गई। खाना बनाना बन्द हो गया। इस पर गिलहरी बोली क्य़ा बात है। तब चिडियाँ बोली मैं तुम लोग को लकङी लाकर देती हूँ। तुम दोनों मात्र बैठकर खाती हो। इसलिए काम का नया बँटबारा होना चाहिये। चुहिया बोली ठीक है। काम का बँटबारा कर लो। चिडियाँ बोली मैं पानी लाउँगी। गिलहरी लकङी लायेगी औऱ चुहिया खाना बनायेगी। दूसरे दिन सभी आपना-अपना काम पर चले गए। चिडियाँ पानी लाने गई कि वह कुआँ में डुब मरी। गिलहरी लकङी लाने गई कि वह पेङ से गिरकर मर गई और चुहिया खाना बनाने गई कि वह चुल्हे में झुलस कर मर गई। नये काम के बँटबारा से इस प्रकार की घटना घटी। दूसरी चिडियाँ जब यह सुना तो बहुत  हँसा।

शिक्षा — दुष्ट पर कभी भी विश्ववास नहीं करनी चाहिये। अन्य़था इन तीनो मित्रो की तरह जान से हाथ धोनी पडेगी ।

समाप्त



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