रविवार, 3 अप्रैल 2016

हिंदी कहानी - दादा जी के लिए चश्मा


एक गाँव में करीम नाम का गरीब ब्यक्ति रहता था । वह चरखा एवं कर्घा पर सुत  बनाकर कपडा बिनता था। उसके पास मात्र एक नदीम नाम का (पोता) पोत्र छोटा बालक के रूप में था । वह अपने काम से जीविका चलाता था। नदीम नाम का बालक अपने दादा जी को बहुत चाहता था । एक दिन की बात है कि जब करीम (बुढ़ा) अपना चरखा कात रहा था तो उनके सुत बराबर टूट जाता। करीम बहुत ही परेशान  हो गया था । असलीयत बात तो थी कि उसे अपने काफी उम्र के कारण दिखाई बहुत कम  पङ रहा था। यह देखकर नदीम एक दिन दादा जी के लिए एक चश्मा खरीदकर लाया और चुपके से उनहें पहना दिया। दादा जी करीम पर बहुत खुश हुआ ।उस दिन के बाद सुत कातने में  उनहें  कोई कठिनाई नहीं होता था।

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