रविवार, 2 जून 2019

A Letter to God Story in Hindi Class 10 Summary - भगवान को पत्र

इस ब्लॉग पोस्ट में हम class 10 a letter to god summary in hindi discuss करने जा रहे हैं। यह कहानी class 10 की English book first flight की है।
कुछ वुद्धिमान लोग कहते हैं कि विश्वास पहाड़ को भी हिला सकती है, परन्तु यह कोई नही बताता कि विश्वास किसमें करना है। यह कहानी Lencho नाम के एक किसान की है और जिसका फसल खराब हो गया है इसलिए वह भगवान को पत्र लिखता है। क्या लेंचो का पत्र भगवान के पास पहुँचता है? लैंचो कौन था? इसका जवाब हमें इस कहानी को आगे पढ़ने पर मिलेगा।

A Letter to God - English Book First Flight - In Hindi

एक घर जो पूरी घाटी में एक छोटी सी पहाड़ी पर बना हुआ था। उस घर से नदी और पके हुए मकई के खेत और फूलों को देखा जा सकता था, जो हमेशा से एक अच्छी फसल के होने का दावा करते थे। धरती को केवल एक चीज़ की जरूरत थी और वो चीज़ थी एक मूसलाधार बारिश या कम से कम छोटी सी पानी के बौछारें। सुबह-सुबह Lencho जो अपने खेतों को अच्छी तरह जानता है फिर भी वह कुछ भी नहीं कर पाया सिवाय उत्तर - पूर्व दिशा में आकाश को देखने के।
लेंचो ने औरत से कहा, "अब हम कुछ पानी प्राप्त करने वाले हैं।" वह औरत जो रात का खाना बना रही हैं उन्होंने उत्तर दिया, "हाँ भगवान भी यही चाहते हैं।" Lencho का बड़ा बेटा खेत में काम कर रहा था और छोटा वाला बेटा वहीं घर के आसपास खेल रहा था। तभी उस औरत ने उन सभी को खाने के लिए बुलाया। तभी थोड़ी देर बाद जब Lencho खाना खा रहा था, वर्षा की बड़ी-बड़ी बुँदे गिरने लगी। उत्तर-पूर्व दिशा में बादलों के विशाल पहाड़ नजदीक आते हुए दिखाई दे रहे थे। हवा बिल्कुल तजा और मीठा था। Lencho बिना किसी कारन के बाहर निकला सिर्फ बारिश की बूंदो को अपने शरीर पर महसूस करने के लिए। और लौटने के बाद कहा की ये बारिश की बूंदे नहीं हैं बल्कि के आकाश से गिरते हुए नए सिक्के हैं। बड़ी बूंदे दस रूपये सिक्के के बराबर और छोटी बूंदे पाँच रूपये सिक्के के बराबर हैं।
इन बारिश की बूंदो से पर्दे की तरह फसल को ढ़का देख लेंचो (Lencho) ने संतुष्ट अभिव्यक्ति दिखाई। तभी अचानक तेज हवा चलने लगी और बड़े -बड़े ओले गिरने लगे। ये ओले दिखने में चाँदी के सिक्के की तरह थे। लड़के बारिश में जमे हुए मोती को चुनने के लिए बाहर निकले। तभी Lencho ने कहा, "अब ये बहुत ख़राब हो रहा है"। आशा करता हूँ ये सब जल्दी ही रुक जाएगा। परन्तु ऐसा हुआ नहीं, ओले करीब एक घंटे तक गिरता रहा और उसने घर, बगीचे, खेत, घाटी सबको मानो नमक से ढक दिए हो।
पेड़ पर एक भी पत्ते नहीं थे। फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुका था। सभी फूल पौधों से निचे गिर चुके थे। Lencho पूरी तरह से दुखी था। जब आँधी पूरी तरह से चला गया तब वह खेतों के बीच जाकर खड़ा हो गया और अपने बेटों से कहा, "कीड़े भी फसल को इस तरह से बर्बाद नहीं करते। इस आंधी ने कुछ नहीं छोड़ा। इस वर्ष हमारे पास कोई मक्का नहीं होगा।"
वह एक दुखद रात थी।

"हमारे सभी कार्य बेकार हो गए।"
"अब कोई नहीं है जो हमारी मदद कर सकता है।"
"हम इस वर्ष भूखे रह जाएँगे।"

परन्तु अब सभी के पास एक मात्र भगवान से आशा थी।
"अगर तुम्हें लगता है की सबकुछ ख़त्म हो गया है तब भी उदास मत हो। कोई कभी भूखा नहीं मरता।" "यही सब कहते हैं कोई कभी भूखा नहीं मरता।"

A Letter to God - भगवान को पत्र

उस पूरी रात लेंचो सिर्फ एक ही तरफ से आस होने के बारे में सोचता रहा, वह आस थी भगवान से। Lencho पूरे दिन खेतों में काम करने वाला व्यक्ति था फिर भी उसे लिखना आता था। अगले ही रविवार दोपहर में लेंचो ने एक चिट्ठी लिखना शुरू किया जिसे वो खुद नगर में जाकर एक mailbox में डालने वाला था। यह चिट्ठी उसने भगवान को लिखा था।
Lencho ने चिट्ठी में लिखा, "भगवान अगर आप मेरी मदद नहीं करोगे तो मेरा परिवार इस वर्ष भूखा ही रह जाएगा। मुझे कम से कम सौ pesos (मुद्रायें) चाहिए ताकि मैं फिर से अपने खेत में फसल लगा सकूँ और फिर से फसल उगने तक अपने परिवार का पालन कर सकूँ। और इसी तरह आगे की बीती हुई बातें चिट्टी में लिख डाली।
उसने लिफाफे के ऊपर "To God" लिख दिए और उस पत्र को नगर में जाकर mailbox में डाल दिया।
वहीं पर खड़ा एक डाकिया जिसने चिठ्ठी mailbox में डालने में मदद की थी, वो अपने boss के पास जोर से हॅसते हुए गया और उस चिट्ठी को दिखाया। उसपर जो पता लिखा था वहां तक चिट्ठी आजतक किसी डाकिया ने अपने जीवनकाल में नहीं पहुँचाया था। Postmaster जो दिखने में मोटा और काफी शांत स्वाभाव का था वो भी इस चिट्ठी को देखकर हॅसने लगा परन्तु अचानक वो शांत हो गए और चिट्ठी मेज पर रखकर कहते हैं, "कितना विश्वास है! काश मुझे उस व्यक्ति पर विश्वास होता जिसने इस चिट्ठी को लिखा है। भगवान के साथ बातचीत शुरू!"
Postmaster पत्र लिखने वाले का विश्वास भगवान से कम न होने देने के लिए उस पत्र का जवाब देना चाहा। परन्तु जब उसने उस चिट्ठी को खोला तो postmaster को पता चला की इस चिट्ठी का जवाब देना बहुत ही आवश्यक था। पत्र लिखने वाले को बस जवाब के अलावा और भी ज्यादा मदद की आवश्यकता थी। Postmaster ने अपने सभी कर्मचारियों से पत्र लिखने वाले की मदद करने की बात कही और उनसबसे कुछ पैसे मांगे, उसने अपनी salry का भी कुछ हिस्सा उसमें जोड़ दिए और तो और उसने कुछ दोस्तों से भी चैरिटी करने की मांग की।
इस प्रकार Postmaster पूरे १०० pesos तो नहीं जमा कर पाया, परन्तु वह आधे से कुछ ज्यादा जमा कर चुका था।अतः उसने सारे पैसे लिफाफे में रखकर Lencho को भेज दिए और भेजने वाले के signature में God लिख दिया।
अगले ही रविवार Lencho  थोड़ा जल्दी डाकघर पहुँच गया और अपने लिए किसी पत्र के बारे में पूछा। यह वही डाकिया था जिसने पत्र पोस्टमॉस्टर को दिया था, उसी ने यह पत्र Lencho को दिया। Postmaster अपने office से लेंचो के चेहरे पर संतुष्टि का अनुभव किया।
लेंचो का विश्वास इतना ज्यादा था की वह पैसे को देखकर थोड़ा सा भी अचंभित नहीं हुआ, परन्तु जब उसने पैसे को गिना तो गुस्सा हो गया। भगवान से कभी कोई गलती नहीं हो सकती और न ही वो मुझे किसी चीज की लिए मना कर सकते हैं।
तुरंत ही लेंचो खिड़की के पास जाकर कागज और कलम मांगी और लिखने वाली पब्लिक मेज पर लिखना शुरू कर दिया। लिखने के बाद फिर खिड़की के पास जाकर मुहर लगाकर Letter box में डाल दिए। डाकिया तुरंत जाकर पत्र को निकला और पढ़ा, उसमेें लिखा हुआ था, "भगवान मैंने जितने मांगे थे उनमेें से सिर्फ ७० pesos ही मुझे मिले हैं। मुझे उन पैसों की बहुत जरूरत है इसलिए मुझे बचे हुए pesos भी भेज दें। परन्तु इस बार मुझे डाक के द्वारा मत भेजना क्योंकि डाकघर के कर्मचारी बदमाश हैं।"
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लेंचो स्टोरी इन हिंदी - Who was Lencho?
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