एक किसान के चार लडके थे।
चारो आपस में लडते रहते थे। किसान अपने पुत्रो से बहुत ही परेशान था । किसान के
बहुत समझाने पर भी नहीं समझ रहा था ।
अंत
में एक दिन किसान बहुत ज्यादा बीमार पर गया । वह अपने पुत्रो कोअपने पास बुलाया और
एक लकडी के गट्ठर को प्रत्येक से वारी-वारी तोङने को कहा – लकडी का गट्ठर किसी ने
भी नहीं तोड पायी।तब किसान ने गट्ठर को खोल दिया और एक-एक लकडी उन सब को तोडने
दिया। प्रत्येक पुत्र ने लकडी को आसानी से
तोड डाला।
इसके बाद
किसान ने अपने पुत्रों से समझाकर कहा- जैसे लकडी का गट्ठर को नहीं तोड पाया
इसलिए कि सभी लकडी आपस में मिलकर शक्तिमान थे। परऩ्तु गट्ठर खुलते ही प्रत्य़ेक लकङी
कमजोर पङ गया और तुमसब भाई एक-एक कर तोङ डाले। इसी प्रकार तुमसब आपस में यानि
संगठन में रहोंगे तो कोई भी तुम लोगों का कुछ नहीं बिगार सकता है। जब आपस में फुट
डालकर यानि अकेला रहोंगे तो तुम्हारा अहित करेगा औऱ वेमौत मारे जाओंगे। अत. एकता
में अजय शक्ति होता है।
(समाप्त)
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