प्राचीन काल में एक सौदागर के तीन लड़कियाँ थी। सौदागर नाकुरी छोड़कर घर बैठे हुए थे। वह किसी दुसरे नॉकरी की तलाश में था।
सौदागर को एक दिन कहीं से एक पत्र मिला। उसमें नॉकरी मिलने की बात लिखी थी। पत्र प्राप्त कर सौदागर बहुत खुश हुआ। और पैट के अनुसार वहां जाने की तैयारियां शुरू कर दी। जब वह घर से निकल रहे थे तो बड़ी बेटी ने कहा किमेरे लिए बहुत सुंदर पोषाक लेना और दूसरी ने कहा कि मेरे लिए बहुत सुंदर चूड़ियाँ ले आना। परन्तु छोटी लड़की कुछ नहीं बोली। पिता के कहने पर वह बोली हो सके तो एक गुलाब का फूल ले आना। सौदागर उसे बहुत प्यार करता था।
सौदागर ने दो तीन महीने तक काम करने के बाद जब घर वापस लौट रहे थे तो उसने दोनों लड़कियों के लिए सामान लिए परंतु छोटी लड़की के लिए जब गुलाब का फूल खोज ही रहे थे कि शाम होते होते रात हो गई। उसने सामने में एक अच्छा सा मकान देखा। वह वहीं ठहर गया। रात में उसे अच्छा खाना और आराम करने के लिए अच्छा बिस्तर भी मिला। वह रात उसी महल में बिताया। सुबह होते ही उसके लिए सभी व्यवस्था मौजूद मिला, अच्छा नास्ता भी मिला। वो नास्ता कर बाग में घूमने लगा। तो उनकी दृष्टि एक सुंदर गुलाब पर पड़ा। उसने जैसे ही गुलाब तोड़ने की कोशिश की तभी एक राक्षस उसे रोका और कहा कि फूल ले लो लेकिन घर पहुँचते ही जिसपर तुम्हारी नज़र पड़ेगा उसे हमारे पास अवश्य भेज देना। अन्यथा तुम मारे जाओगे। सौदागर ने सोचा की घर पहुँचते ही मेरा कुत्ता मुझे नज़र आएगा और में उसे यहां भेज दूंगा।
परंतु एक दिन मैंने एक झरना के पास एक सुंदरी को स्नान करते हुए देख लिया और उसने मुझे श्राप दे दिया कि जब तक कोई सुन्दरी तुमसे विवाह करने को राजी नहीँ होगी तब तक तुम राक्षस ही बने रहोगे। यह सुनकर ब्यूटी उस राक्षस से शादी करने के लिए तैयार हो गई। ठीक उसी समय उसको दिया हुआ श्राप से मुक्ति मिल गयी और वह एक सुंदर राजकुमार में परिणत हो गया। अब दोनों की जिंदगी सुखमय बीतने लगा।
ब्यूटी के माता पिता ने जब यह जाना तो बेहद खुश हुए और सुखमय जीवन के लिए आशीर्वाद दिया।
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ब्यूटी और गुलाब की कथा - हिंदी कहानी
सौदागर को एक दिन कहीं से एक पत्र मिला। उसमें नॉकरी मिलने की बात लिखी थी। पत्र प्राप्त कर सौदागर बहुत खुश हुआ। और पैट के अनुसार वहां जाने की तैयारियां शुरू कर दी। जब वह घर से निकल रहे थे तो बड़ी बेटी ने कहा किमेरे लिए बहुत सुंदर पोषाक लेना और दूसरी ने कहा कि मेरे लिए बहुत सुंदर चूड़ियाँ ले आना। परन्तु छोटी लड़की कुछ नहीं बोली। पिता के कहने पर वह बोली हो सके तो एक गुलाब का फूल ले आना। सौदागर उसे बहुत प्यार करता था।
सौदागर ने दो तीन महीने तक काम करने के बाद जब घर वापस लौट रहे थे तो उसने दोनों लड़कियों के लिए सामान लिए परंतु छोटी लड़की के लिए जब गुलाब का फूल खोज ही रहे थे कि शाम होते होते रात हो गई। उसने सामने में एक अच्छा सा मकान देखा। वह वहीं ठहर गया। रात में उसे अच्छा खाना और आराम करने के लिए अच्छा बिस्तर भी मिला। वह रात उसी महल में बिताया। सुबह होते ही उसके लिए सभी व्यवस्था मौजूद मिला, अच्छा नास्ता भी मिला। वो नास्ता कर बाग में घूमने लगा। तो उनकी दृष्टि एक सुंदर गुलाब पर पड़ा। उसने जैसे ही गुलाब तोड़ने की कोशिश की तभी एक राक्षस उसे रोका और कहा कि फूल ले लो लेकिन घर पहुँचते ही जिसपर तुम्हारी नज़र पड़ेगा उसे हमारे पास अवश्य भेज देना। अन्यथा तुम मारे जाओगे। सौदागर ने सोचा की घर पहुँचते ही मेरा कुत्ता मुझे नज़र आएगा और में उसे यहां भेज दूंगा।
ब्यूटी और गुलाब की कथा - हिंदी कहानी
परंतु संजोग से घर पहुँचते ही उनका नज़र छोटी लड़की ब्यूटी पर ही पड़ा। वह बहुत ही असमंजस में पड़ गया। ब्यूटी के पूछने पर सौदागर ने साड़ी कहानी कह दी। तो इसपर ब्यूटी ने कहा कि मैं वहां पहुच जाउँगी। आप घबराये नहीं सब ठीक हो जायेगा। ब्यूटी उस राक्षस के महल में पहुच गई। कुछ दिनों तक राजमहल में रहने के बाद राक्षस ने कहा कि मैं पहले राजकुमार था।परंतु एक दिन मैंने एक झरना के पास एक सुंदरी को स्नान करते हुए देख लिया और उसने मुझे श्राप दे दिया कि जब तक कोई सुन्दरी तुमसे विवाह करने को राजी नहीँ होगी तब तक तुम राक्षस ही बने रहोगे। यह सुनकर ब्यूटी उस राक्षस से शादी करने के लिए तैयार हो गई। ठीक उसी समय उसको दिया हुआ श्राप से मुक्ति मिल गयी और वह एक सुंदर राजकुमार में परिणत हो गया। अब दोनों की जिंदगी सुखमय बीतने लगा।
ब्यूटी के माता पिता ने जब यह जाना तो बेहद खुश हुए और सुखमय जीवन के लिए आशीर्वाद दिया।
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ब्यूटी और गुलाब की कथा - हिंदी कहानी
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