गुरुवार, 5 अक्तूबर 2017

मूर्ख कौवा और लोमड़ी - हिंदी कहानी - लघु कथा

एक कौवा कहीं से एक रोटी का टुकड़ा पाया था और उसे वो पेर की डाली पर बैठकर कहा रहा था। उसी समय एक लोभी लोमड़ी  पेड़ के निचे आ धमका।  लोमड़ी ने सोचा कि किसी तरह से कौवा के चोंच से रोटी का टुकड़ा लेना है।
लोमड़ी ने कौवा की तारीफ करना सुरु कर दिया। उसने कौवा भाई से कहा , कौवा भाई मैंने सुना है कि आपकी मधुर वाणी सबको मोहित कर देती है। खासकर में आपकी मधुर वाणी सुनने को हमेशा ललायित रहता हूँ। कृप्याकर अपनी मधुरवानी सुनाने का कष्ट करेंगें।
कौवा अपनी तारीफ सुनकर बेहद प्रसन्न हुआ और मुह खोलकर जैसे ही क्वान क्वान का आवाज़ किया कि उसके मुंह से रोटी निचे गिर गई। लोमड़ी चतुराई से रोटी प्राप्त किया और वहाँ से भाग निकला। कौवा बेचारा पछताता रह गया।

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मूर्ख कौवा और लोमड़ी - हिंदी कहनी - लघु कथा
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1 टिप्पणी:

  1. काक करे रोटी चतुराई
    लोमडी मन आशा छुँट |
    राम नाम से धन आयेगा
    भोगी लूँट सके तो लूँट ||

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