हम सब जितने भी जीव जंतु
हैं, प्रतयेक का
अपना-अपनाअवश्य ही लछ्य होनी चाहिये । लछ्य का मतलब होताहै – गणतब्य स्थान यानी निश्चित
जगह जहाँ हमें पहुँचना है। हमें जीवन में बिना लछ्य के तो चलना, पढना, लिखना
या कोई काम करना वर्यथ होता है। लछ्य
निश्चित कर जब हम कोई कार्य करते हैं तो वह सराहनीय होता है।
बिना लक्ष्य के कोई काम करना सार्थक नहीं
होता है। मनुष्य लक्ष्य निश्चित कर चले तो
हर काम सुलभ हो जाता है। इतना जानते हुए भी मैंने अपने जीवन में बिना लक्षय
के चलते रहे। इसलिए मैं अब बहुत पशचाता
हूँ।और कोइ गणतव्य स्थान तक नहीं पहुँच
पाया। अत.एव मुझ से जो भी बालक याआदमी सलाह माँगता है तो मैं यही कहता हूँ कि भाई
बिना लक्षय लिए कोई काम मत करो। अन्यथा मेरे जैसा जीवन में ठोकर खाते रहोगे बिना लक्ष्य का कोई काम का ठोर ठिकाना नहीं होता इसलिए हमारा लक्ष्य
जीवन में बहुत ही आवश्यक है।
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